Tuesday 12 April 2016

Attention Deficit Hyperactivity Disorder (ADHD)- in Hindi

ATTENTION DEFICIT HYPERACTIVITY SYNDROME (ADHD)
      
    ADHD बच्चों में होने वाला विकार है। यूँ तो अमूमन लगभग सभी बच्चों में कभी ना कभी असंयमित व्यवहार दिखता है। वे अचानक से गतिमान हो सकते हैं, लगातार शोर मचाते रह सकते हैं, अपनी बारी आने में जल्दबाजी कर सकते हैं या आसपास की चीज़ों से भिड़ते रह सकते हैं। कभी कभी वे दिवास्वप्न की स्तिथि में दिखाई देते हैं। और काम शुरू करने बाद पूरा नहीं कर पाते हैं।
      
   लेकिन कुछ बच्चों में यह व्यवहार कभी-कभार होने वाले वाले व्यवहार से अधिक होता है। ADHD से ग्रसित बच्चों की यह व्यवहारिक समस्याएं तीव्र और बहुतायत में होती हैं जो उनके सामान्य जीवनयापन में बाधा डालती हैं।

   इन बच्चों को अपने भाई-बहनों और सहपाठियों के साथ-साथ बढ़ने में परेशानियाँ होती हैं। एकाग्रता में कमी होने के कारण पढाई दिमाग में बैठती नहीं है और आवेगपूर्ण होने के कारण भौतिक खतरे बने रहते हैं। ऐसे व्यवहार के कारण यह बच्चे अक्सर बुरे बच्चों की श्रेणी में रख दिए जाते हैं। इलाज प्राप्त ना हो सकने की परिस्तिथि में ADHD से ग्रसित बच्चे गंभीर व जीवनपर्यंत चलने वाले बुरे प्रभाव से जूझते रहते हैं जैसे की पढाई में कमज़ोर रह जाना, रिश्ते निभाने में असफलता, क़ानूनी प्रक्रिया में फंस जाना, नौकरी को ना संभाल पाना, इत्यादि।

   ADHD का कारगर इलाज मौजूद है। यदि आपका बच्चा ADHD से ग्रसित है तो उसके लिए विभिन्न प्रकार के इलाज को अपनाया जा सकता है जिसके फलस्वरूप वह खुशहाल व स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकता है। एक अभिभावक के रूप में इसके इलाज में आपका भी महत्वपूर्ण योगदान होता है।


ADHD क्या है:
यह बच्चों के कई प्रकार के विकारों में से एक है। यह एक दिमागी विकार है जो बच्चे को उसके व्यवहार को नियंत्रित करने में कठिनाई पैदा करता है। यह स्कूल जाने वाले 4 -12 % बच्चों को प्रभावित करता है। लड़कियों की तुलना में यह लड़कों में तीन गुना ज्यादा पाया है।


ADHD के लक्षण क्या हैं:
      ADHD में तीन संभागीय लक्षण पाए जाते हैं जो नीचे तालिका में दर्शाए गए हैं:
तालिका – 1 : ADHD के लक्षण
लक्षण
किस प्रकार से बच्चों में दिखता है।
एकाग्रता में कमी
(Inattention)
·       ध्यान केन्द्रित ना कर पाना या दिन में स्वप्न देखते हुए जैसे प्रतीत होना।
·       सामने-सामने बात करने पर ऐसा प्रतीत होना जैसे आपकी बात सुन ही नहीं रहा है।
·       पढ़ते समय या खेल में आसानी से ध्यान भंग हो जाना।
·       समझी हुई बातों/कार्यों में गलती करना।
·       कई चरणों में पूर्ण होने वाले कार्य न कर सकना/कार्य अधूरे छूटना।
·       क्रिया कलापों में अस्तव्यस्तता नज़र आना।
·       महत्वपूर्ण सामान/कार्यों को भूल जाना।
·       ऐसे कार्यों को करने में आना-कानी करना जिसमें एकाग्र होकर बैठना पड़े।
अत्यधिक चंचलता
(Hyperactivity)
·       लगातार चलायमान रहना जैसे कि शरीर में मोटर लगी हो।
·       लम्बे समय तक टिक कर ना बैठ पाना।
·       बैठे होने पर भी बदन का हिलना-डुलना और हाथ-पैरों का चलते रहना।
·       अत्यधिक बोलते रहना।
·       अत्यधिक दौड़ना, कूदना या फ़र्निचर पर चढ़ना जहाँ इसकी इजाज़त न हो।
·       खेल में शांति ना बनाये रख पाना।
आवेग
(Impulsivity)
·       बगैर सोचे समझे कार्य कर डालना या बोल पड़ना।
·       ट्रैफिक का ध्यान ना रखते हुए दौड़ पड़ना।
·       अपनी बारी आने का इंतज़ार ना कर पाना।
·       पूरा सवाल सुने बिना उत्तर देना।
·       दूसरों के वार्तालाप में बाधा बनना।



ADHD के विभिन्न प्रकार कौन कौन से हैं:
ADHD से ग्रसित सभी बच्चों में सभी लक्षण नहीं पाए जाते है इनका विभाजन इस प्रकार से है:
1.      संयुक्त एकाग्रता, चंचलता व आवेग वाले लक्षण – इस प्रकार में बच्चे तीनो प्रकार के लक्षणों से प्रभावित होते हैं। यह प्रकार सबसे ज्यादा देखा जाता है।
2.      केवल एकाग्रता में कमी वाला प्रकार – केवल एकाग्रता में कमी होने से यह प्रकार अक्सर अनदेखा रह जाता है। यह लड़कियों में ज्यादा पाया जाता है।
3.      चंचल/आवेग वाला प्रकार – यह सबसे कम पाया जाने वाला प्रकार है।

सरल शब्दों में कैसे समझ सकता/सकती हूँ कि मेरे बच्चे को ADHD है?
     
   याद रखें समय समय पर एक सामान्य बच्चा भी ऐसे लक्षणों को दर्शा सकता है, जैसे की घर या स्कूल में तनाव या बोर होने की स्तिथि में। इसका मतलब यह नहीं कि उसे ADHD है। कुछ सवाल जो आपकी समझ में मदद कर सकते हैं जैसे की :
  • ·       ठीक बुद्धि होने के बाद भी बच्चा पढाई में ठीक नहीं कर पा रहा है,
  • ·       अध्यापक द्वारा लक्षणों के प्रकार की टिप्पणी करना,
  • ·       क्या वह स्कूल में खुश है,
  • ·       कक्षाकार्य या गृहकार्य को पूरा कर पाता है,
  • ·       किसी अनचाहे व्यवहार की वजह से आप चिंता में रहते हैं,


   जेहन में और भी कोई बात हो तो अपने मनोचिकित्सक से बात करें ADHD के निदान (diagnosis) के लिए एक से ज्यादा परिवेश के व्यक्तियों द्वारा दी गयी जानकारी भी महत्वपूर्ण होती है जैसे अध्यापक।


कारण:
ADHD के मूल कारणों का अभी तक पाता नहीं लगाया जा सका है
·       यह एक दिमागी कोशिकाओं में बदलाव द्वारा होने वाला विकार है कभी कभी माता-पिता में यह विकार ज्ञात होता जब वे अपने बच्चे के लिए विशेषज्ञ से मिलते हैं।
·       दिमाग के केंद्र में जो एकाग्रता को नियंत्रित करता है, उसकी क्रिया-प्रतिक्रिया में कमी देखी गयी है।
·       गर्भवती होने के दौरान धुम्रपान या शराब के सेवन की समीपता से ADHD को जोड़कर देखा गया है।
·       सर में गहरी चोट से जोड़कर देखा गया है।


इलाज:
      एक बार ADHD का निदान होने के बाद इलाज द्वारा काफी सकारात्मक नतीजे देखे गए हैं। हालांकि ADHD के इलाज में कई तरीके अपनाये जाते हैं, लेकिन बालक विशेष के लिए विशेष प्रारूप तैयार किया जाता है। इलाज के मुख्या बिंदु इस प्रकार से हैं:
·       दीर्घकाल में चलने वाली इलाज की प्रक्रिया जिसमे-
o   विशेष व्यवहार को टारगेट करना
o   प्रत्येक विजिट की क्रिया प्रणाली बनाना
o   समय-समय पर विभिन्न बिन्दुओं को निगरानी में रखना
·       ADHD के बारे में जागरूक करना,
·       डॉक्टर, अभिभावक, अध्यापक, बच्चे और अन्य को टीम की तरह जोड़ना,
·       दवाइयाँ,
·       Behavior therapy including parental training,
·       बच्चे और परिवार की काउन्सलिंग।
ADHD का इलाज लम्बे समय तक चलने वाली एक प्रक्रिया कह सकते हैं जिससे बच्चे का भविष्य बेहतर किया जा सकता है। और जानकारी के लिए मनोचिकित्सक से मिलें। 


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